भारत में, जो भी निवेशक Share Market, बॉन्ड्स (bonds) और म्यूचुअल फंड्स (mutual funds) जैसे stocks में पैसा लगाना चाहते हैं, उन्हें एक डिमैट अकाउंट (Demat Account) खोलना आवश्यक है। डिमैट का मतलब है “डिमेटेरियलाइज़्ड (Dematerialized)”—डिमैट अकाउंट्स में आपके tradable assests की ओनरशिप का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड होता है।
डिमैट अकाउंट्स की शुरुआत 1996 में हुई थी, और पिछले दो दशकों में इनकी उपलब्धता ने भारत में अधिक व्यापक रेंज के investors को सिक्योरिटीज़ की ओनरशिप का अवसर प्रदान किया है। आइए जानें कि भारत में निवेश करने के लिए डिमैट अकाउंट (Demat Account) की जरूरत क्यों है और आप इसे कैसे खोल सकते हैं।
Why we need Demat Account (डिमैट अकाउंट क्यों जरूरी है?)
सूचना का संग्रहण (Information Storehouse)
डिमैट अकाउंट आपके सभी सिक्योरिटीज़ (securities) ट्रांजैक्शंस का स्टोरहाउस है। जब आप एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (Exchange Traded Funds, ETFs), स्टॉक्स (stocks), बॉन्ड्स (bonds) और म्यूचुअल फंड्स (mutual funds) खरीदते और बेचते हैं, तो ओनरशिप (ownership) में हुए बदलाव का रिकॉर्ड आपके डिमैट अकाउंट (Demat Account) में होता है।
अनिवार्यता (Mandatory Requirement)
भारतीय स्टॉक्स एंड एक्सचेंज बोर्ड (SEBI) के अनुसार, जो भी भारतीय स्टॉक्स में ट्रेड करना चाहते हैं, उनके लिए डिमैट अकाउंट अनिवार्य है। इसका मतलब है कि डिमैट अकाउंट्स जरूरी हैं, और बिना डिमैट अकाउंट के कोई भी व्यक्ति भारत में स्टॉक्स ट्रेडिंग नहीं कर सकता।
सुरक्षा (Security)
डिमैट अकाउंट्स आपके स्टॉक्स (stocks) को इलेक्ट्रॉनिक रूप में सुरक्षित रखते हैं। इससे आपको फिजिकल सर्टिफिकेट्स (certificates) के गुम हो जाने, चोरी या धोखाधड़ी की चिंता नहीं रहती। साथ ही, फिजिकल सर्टिफिकेट्स (certificates) पर संभावित फेक सिग्नेचर्स (signatures) की संभावना भी खत्म हो जाती है।
त्वरित ट्रेड्स (Instant Trades)
डिमैट अकाउंट्स के माध्यम से, स्टॉक्स (stocks) transactions तुरंत प्रोसेस होते हैं। इससे निवेशक अपने फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट्स को डिजिटल रूप में बदल सकते हैं और ऑनलाइन सिक्योरिटीज़ को फिजिकल डॉक्यूमेंट्स में बदल सकते हैं।
अतिरिक्त स्टाम्प ड्यूटी चार्जेज नहीं (No Extra Stamp Duty Charges)
डिमैट अकाउंट्स के माध्यम से निवेशक किसी भी प्रकार के स्टॉक्स (stocks) में किसी भी volume में ट्रेड कर सकते हैं। इसमें अतिरिक्त पेपरवर्क कॉस्ट और स्टाम्प ड्यूटी चार्ज नहीं होता, जो फिजिकल सर्टिफिकेट्स के मामले में होता था। इससे निवेशक अपने स्टॉक्स (stocks) की संख्या को कॉस्टिंग के अनुसार सीमित करने की चिंता से मुक्त हो जाते हैं।
अपडेटेड मार्केट जानकारी (Updated Market Information)
डिमैट अकाउंट खोलने के बाद, आपको Live Price चार्ट्स और Investment comparison Tools ट जैसी उपयोगी मार्केट जानकारी मिलती है। यह आपको ट्रेड करने के लिए आवश्यक investment जानकारी प्रदान करता है।
कोई Minimum बैलेंस फीस नहीं (No Minimum Balance Fees)
डिमैट अकाउंट्स में कोई minimum बैलेंस आवश्यकताएं या minimum ट्रेडिंग आवश्यकताएं नहीं होतीं। इससे डॉर्मेंट निवेशकों या लंबी अवधि के निवेशकों पर दबाव कम होता है, जो कभी-कभी ट्रेड करना चाहते हैं। निवेशक अपने डिमैट अकाउंट को सीमित समय के लिए फ्रीज कर सकते हैं ताकि अकाउंट का क्रेडिट या डेबिट फ्लो सीमित रहे।
How to open Demat Account (डिमैट अकाउंट कैसे खोलें?)
Brokerage Firm चुनें: निवेशक यह चुन सकते हैं कि वे किस वित्तीय इकाई के साथ अपना डिमैट अकाउंट (Demat Account) खोलना चाहते हैं। भारत में, NSDL या CDSL वेबसाइट्स पर डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DPs) की सूची होती है। आप किसी स्वतंत्र इकाई के साथ भी चेक कर सकते हैं कि वे डिमैट अकाउंट (Demat Account) के लिए रजिस्टर्ड हैं या नहीं।
अकाउंट खोलें (Open Account): आपके DP आपको अकाउंट ओपनिंग फॉर्म प्रदान करेंगे। इसे भरने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
पैन कार्ड (PAN Card): जो आपकी पहचान का प्रमाण है।
आधार कार्ड (Aadhaar Card): या कोई अन्य सरकारी-अधिकृत पहचान पत्र जैसे ड्राइविंग लाइसेंस या वोटर आईडी, जो आपके पते का प्रमाण है।
रद्द किया हुआ बैंक चेक (Cancelled Bank Cheque): या बैंक पासबुक की कॉपी, जो आपके बैंक अकाउंट नंबर और आपके नाम को प्रमाणित करता है।
आयकर रिटर्न डॉक्यूमेंट (Income Tax Return Document): या पिछले छह महीनों की सैलरी स्लिप्स, जो आपकी income का प्रमाण है।
पासपोर्ट साइज़ फोटोग्राफ्स (Passport Size Photographs): Photo verification के लिए। जॉइंट अकाउंट्स के मामले में, दोनों अकाउंट होल्डर्स को verification प्रक्रिया के लिए उपस्थित होना होगा।
निवेशकों को एक से अधिक डिमैट अकाउंट रखने की अनुमति है, लेकिन एक ही DP के साथ नहीं।
ट्रेडिंग अकाउंट्स (Trading Accounts): अगर आप स्टॉक मार्केट (Stock Market) में शेयर खरीदना और बेचना चाहते हैं, तो आपको अपने डिमैट अकाउंट (Demat Account) के साथ किसी भी SEBI-रजिस्टर्ड स्टॉकब्रोकर के साथ एक ट्रेडिंग या ब्रोकिंग अकाउंट खोलना होगा। ट्रेडिंग अकाउंट्स आपके DPs के माध्यम से खोले जा सकते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट्स अतिरिक्त अकाउंट्स होते हैं जिनकी आवश्यकता Equity में ट्रेड करने के लिए होती है। डिमैट अकाउंट (Demat Account) के बिना, ट्रेडिंग अकाउंट का उपयोग नहीं किया जा सकता।
दस्तावेज़ों का सत्यापन (Verify Documents):
एक बार जब आपका डिमैट अकाउंट (Demat Account) खुल जाता है, तो आपको पहचान के दस्तावेज प्राप्त होंगे:
आपका DP पहचान कोड (DP Identification Code): यह 8-अंकीय कोड होता है जिसे केंद्रीय डिपॉजिटरीज़ द्वारा सभी DPs को आवंतित किया जाता है।
डिमैट अकाउंट नंबर (Demat Account Number): यह 16-अंकीय कोड होता है जो आपके DP ID और क्लाइंट ID का संयोजन होता है, एक 8-अंकीय कोड जो सिस्टम में DPs द्वारा ग्राहकों की पहचान के लिए उपयोग किया जाता है।
आपका क्लाइंट मास्टर रिपोर्ट (Client Master Report) की कॉपी: इसमें आपके डिमैट अकाउंट विवरण होते हैं और इसे आपके DPs के साथ सबमिट की गई सही जानकारी के लिए ध्यान से जांचना चाहिए।
लॉगिन ID और पासवर्ड: ऑनलाइन एक्सेस के लिए अकाउंट खोलने के समय एक यूनिक लॉगिन ID और पासवर्ड दिया जाएगा।
पावर ऑफ अटॉर्नी डॉक्यूमेंट (Power of Attorney Document): यह दस्तावेज़ एक ब्रोकर को अपने ग्राहक के डिमैट अकाउंट को संचालित करने की अनुमति देता है। इसके बिना, एक ब्रोकर ग्राहक के लिए ट्रेडिंग नहीं कर सकता।
एक बार जब आपका डिमैट अकाउंट खुल जाता है, तो आप शेयर खरीदने, बेचने और स्टोर करने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं, कंपनियों के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग्स (IPOs) के लिए आवेदन कर सकते हैं, और अपने डिमैट अकाउंट (Demat Account) में डिविडेंड्स जैसे कॉर्पोरेट लाभ प्राप्त कर सकते हैं, और म्यूचुअल फंड्स और सरकारी सिक्योरिटीज़ सहित बॉन्ड्स को अपने Account में hold कर सकते हैं। यह भारतीय स्टॉक मार्केट में आपकी पहचान के रूप में कार्य करता है।
Demat Account Opening Charges (डिमैट अकाउंट के शुल्क)
डिमैट अकाउंट खोलने से पहले आपको इसमें शामिल विभिन्न शुल्कों को समझना जरूरी है:
- अकाउंट ओपनिंग चार्जेस – कई डिमैट अकाउंट्स आजकल मुफ्त में खोले जा सकते हैं।
- कस्टोडियन फीस – कुछ DPs मामूली कस्टोडियन फीस लेते हैं।
- एनुअल मेंटेनेंस चार्जेस – यह शुल्क आपके द्वारा किए गए ट्रांजैक्शंस की संख्या पर निर्भर करता है।
- ट्रांजैक्शन चार्जेस – प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर शुल्क।
- डिमेटेरियलाइजेशन और रेमेटेरियलाइजेशन चार्जेस – फिजिकल सर्टिफिकेट्स को डिजिटल में बदलने और इसके विपरीत।
Top Brokerage Firms in India (बेस्ट ब्रोकरेज फर्म्स इन इंडिया)
- ज़ेरोधा (Zerodha) – यह सबसे बड़ी डिस्काउंट ब्रोकरेज फर्म है जो कम शुल्क पर अच्छी सेवाएं प्रदान करती है।
- एंजल ब्रोकिंग (Angel Broking) – यह फर्म एक बेहतरीन मोबाइल ऐप के जरिए निवेशकों को सेवाएं प्रदान करती है।
- हडीएफसी सिक्योरिटीज (HDFC Securities) – यह फर्म HDFC बैंक की एक सहायक कंपनी है और बेहतरीन ग्राहक सेवा प्रदान करती है।
- आईसीआईसीआई डायरेक्ट (ICICI Direct) – यह फर्म निवेशकों को एक ही प्लेटफॉर्म पर कई प्रकार की निवेश सेवाएं प्रदान करती है।
- कोटक सिक्योरिटीज (Kotak Securities) – यह फर्म कोटक महिंद्रा बैंक की सहायक कंपनी है और बेहतरीन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करती है।
Conclusion | निष्कर्ष
डिमैट अकाउंट (demat account) आपके investment को सुरक्षित, सरल और प्रभावी बनाता है। यह न केवल एक mandatory है बल्कि आपके निवेश को सुरक्षित और manage रखने का सबसे अच्छा तरीका है। सही DP और Brokerage Firm चुनकर, आप एक सफल investment journey शुरू कर सकते हैं। चाहे आप एक नया निवेशक हों या एक अनुभवी, डिमैट अकाउंट आपके निवेश के लिए अनिवार्य है।
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