Budget 2024: सरकार चालू वित्तीय वर्ष (fiscal year) में रेल (Railways), खाद (Fertiizers)और रक्षा (Defence)क्षेत्र की चुनिंदा सरकारी कंपनियों में छोटी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (Mazagon Dock Shipbuilders Ltd – MDL) समेत कई कंपनियों में हिस्सेदारी बिक्री की जाएगी।
Budget 2024 - शामिल कंपनियां और Offer for Sale की योजना
केंद्र भारतीय रेलवे वित्त निगम (Indian Railway Finance Corp. – IRFC), नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (National Fertilizers Ltd – NFL), और राष्ट्रीय रसायन और उर्वरक लिमिटेड (Rashtriya Chemicals and Fertilizers Ltd – RCF) में भी FY25 में छोटी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है| अधिकारी ने बताया कि सरकार OFS (ऑफर फॉर सेल) पर ध्यान केंद्रित करेगी क्योंकि रणनीतिक बिक्री (strategic sales) different phases में हैं। उन्होंने कहा, “IRFC की Offer for Sale इस साल होगी। सरकार NFL और RCF में भी हिस्सेदारी बेचेगी। MDL में Offer for Sale के लिए रक्षा मंत्रालय (defense ministry) के साथ चर्चा चल रही है, जिसमें कुछ आरक्षण (reservations) हैं जिन्हें हल किया जा रहा है।”
बजट (Budget) और संभावित Revenue
हालांकि केंद्रीय budget 2024 में निश्चित विनिवेश लक्ष्य (disinvestment target) नहीं हो सकता है, लेकिन सरकार non-debt capital receipts के तहत 50,000 करोड़ रुपये का अनुमान लगा सकती है। विनिवेश पर पूर्व-बजट बैठकें जल्द ही होने की संभावना है।
Budget 2024 - DIPAM का Offer for Sale पर जोर
DIPAM (डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट) का OFS पर जोर देना व्यावहारिक दृष्टिकोण (pragmatic approach) को दर्शाता है क्योंकि रणनीतिक sales में complexities और धीमी गति होती हैं। strategic sales में लंबे समय तक बातचीत (negotiations) और regulatory hurdles होती हैं, जबकि OFS सरकार को जल्दी से हिस्सेदारी बेचने में सक्षम बनाता है, साथ ही प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (public sector undertakings) पर नियंत्रण बनाए रखता है।
Shares for Stake Sale: Budget 2024 | निचे दिए गए शेयरों में हिस्सेदारी बिक्री की जाएगी
IRFC में हिस्सेदारी बिक्री
सरकार IRFC में 11.36 प्रतिशत हिस्सेदारी घटाने पर विचार कर रही है, जिससे लगभग 7,600 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। वर्तमान में सरकार IRFC में 86.36 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है। यह बिक्री SEBI के minimum public shareholding requirement को पूरा करने के लिए है, जो listed companies में कम से कम 25 प्रतिशत public ownership अनिवार्य करती है। यह market discipline और broader investor participation के लिए महत्वपूर्ण है।
MDL में हिस्सेदारी बिक्री
MDL में सरकार 84.83 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है और वित्त मंत्रालय (finance ministry) रक्षा PSU में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहा है।
RCF और NFL में हिस्सेदारी बिक्री
DIPAM RCF में 10 प्रतिशत और NFL में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का लक्ष्य रखता है, जिसकी कीमत लगभग 1,200 करोड़ रुपये होगी।
Market Trend And Investors Sentiment | बाजार की स्थिति और निवेशकों की भावना
कुनाल शर्मा, पार्टनर, सिंघानिया एंड कंपनी ने कहा है कि इन हिस्सेदारी बिक्री की सफलता बाजार की स्थिति (market conditions) और निवेशकों की भावना (investor sentiment) पर निर्भर करेगी। IRFC की हालिया बाजार प्रदर्शन (recent market performance) और इसकी भूमिका को देखते हुए, इसमें निवेशकों की पर्याप्त interest होने की संभावना है।
Successfull Offer for Sale के लिए उपाय
OFS एक व्यावहारिक और कुशल उपकरण (practical and efficient tool) है, लेकिन इसकी सफलता favorable market conditions और effective execution पर निर्भर करती है। सरकार को इन बिक्री को maximize returns के लिए समय पर करना चाहिए, यह finalize करते हुए कि वे positive market sentiment के साथ मेल खाते हैं। इसके अलावा, institutional and retail investors को आकर्षित करने के लिए मजबूत संचार (robust communication) और marketing efforts आवश्यक हैं।
Benefiting stocks Mention Below
IRFC (Indian Railway Finance Corp.): यह भारतीय रेलवे का वित्तीय अंग है और हालिया बाजार प्रदर्शन के कारण निवेशकों के लिए आकर्षक साबित हो सकता है।
NFL और RCF: Fertilizer कंपनियों के लिए, इनका बेहतर प्रदर्शन और बढ़ती मांग इनके लिए निवेशकों की interest बढ़ा सकती है।
**MDL: Defense क्षेत्र की कंपनी होने के कारण, इसकी हिस्सेदारी बिक्री में भी निवेशकों की विशेष रुचि हो सकती है।
Future Scope
सरकार की इन योजनाओं से संकेत मिलता है कि disinvestment के माध्यम से financial resources जुटाने और PSUs के कार्यक्षेत्र (operational field) को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह दृष्टिकोण PSUs को अधिक प्रतिस्पर्धी (competitive) बना सकता है और Private Investors के लिए अधिक अवसर प्रदान कर सकता है।
इस technic का long-term benefit यह होगा कि PSUs efficient और responsive बन सकते हैं, जिससे वे बाजार में बेहतर प्रदर्शन कर सकें। इसके अलावा, यह कदम financial stability और overall economic growth में योगदान देगा।
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